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आपात स्थिति में गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने पर निजी वाहन चालक को मिलेगा किए खर्च का भुगतान – कलेक्टर प्रियंक मिश्रा

सुरेन्द्र दुबे डिस्टिक हेड  धार 10 जुलाई 25/कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आज जिला

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समिति की बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति आपातकालीन स्थिति में अपने निजी वाहन से किसी गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाता है, तो उसके द्वारा किए गए खर्च के भुगतान की व्यवस्था रेडक्रॉस के माध्यम से की जाए। यह व्यवस्था जनसहयोग को प्रोत्साहित करने और समय पर प्रसव सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मानवीय कार्यों की प्रशंसा की जाना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुंच मजबूत हो सके।

        यह निर्देश आज कलेक्टर कार्यालय के सभागार में संपन्न हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए गए। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला एवं खंड स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

   बैठक में आईएमआर (Infant Mortality Rate) और एमएमआर (Maternal Mortality Rate) की विशेष समीक्षा की गई। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि इन दोनों सूचकों में सुधार लाने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि ये दोनों आंकड़े सभी स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता से जुड़े हुए हैं और इनका उच्च होना इस बात का संकेत है कि गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है, जो मिसमैनेजमेंट का प्रतीक है।

     कलेक्टर मिश्रा ने स्वास्थ्य संस्थानों में टीकाकरण की धीमी प्रगति पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि अब तक सम्पूर्ण टीकाकरण क्यों नहीं हो पाया? साथ ही इस दिशा में पुख्ता कार्ययोजना और जरूरी मॉनिटरिंग की अपेक्षा स्पष्ट रूप से जताई।

    बैठक में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (CHOs) की उपस्थिति और कार्य निष्पादन पर भी गहन चर्चा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सीएचओ की उपस्थिति की सत्यापन की जिम्मेदारी दूसरे विभागों के अधिकारियों को दी जाए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जो CHO कार्य नहीं कर रहे हैं, उन्हें सेवा से बाहर किया जाए। यह कार्रवाई सीएमएचओ स्तर पर की जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मामला मेरे संज्ञान में आया, तो संबंधित कंट्रोलिंग डॉक्टर पर भी कार्रवाई की जाएगी।

       इसके साथ ही कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि सीएचओ की गतिविधियों की मॉनिटरिंग पोर्टल के माध्यम से की जाए। स्वास्थ अमले की उपस्थिति ‘सार्थक पोर्टल’ पर अद्यतन रूप से दर्ज किए जाने के कार्य पर भी उन्होंने कैफ़ियत ली।

बैठक में डॉक्टरों की ड्यूटी से अनुपस्थिति और कुछ कर्मचारियों द्वारा सिस्टम के दुरुपयोग पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की लापरवाही के कारण पूरा विभाग असफल घोषित होता है, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही संसाधनों के पुनर्वितरण (Relocation of Resources) की भी आवश्यकता जताई ताकि प्राथमिकता के आधार पर सेवा वितरण बेहतर किया जा सके।

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